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भारत-पाक बातचीत रद्द पर बुरहान वानी वाले डाक टिकट का सच क्या है


बुरहान बानी
भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से तय मुलाक़ात के फ़ैसले को 24 घंटे के भीतर रद्द कर दिया है.

एक दिन पहले यानी गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाक़ात की घोषणा की थी.
दोनों की मुलाक़ात न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र की आमसभा के वक्त होना तय हुआ था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि घोषणा के बाद भारत के सुरक्षाकर्मियों की बर्बरतापूर्वक हत्या की गई है, जिसकी वजह से ये मुलाक़ात रद्द की जा रही है.
उन्होंने कहा, "कल मैंने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में मुलाक़ात करेंगे. उसके बाद दो गंभीर घटनाएं हुईं. हमारे सुरक्षाकर्मियों की बर्बरतापूर्वक हत्या की गई है. पाकिस्तान ने आतंकवाद और आतंकवादियों का महिमामंडन करने के लिए 20 डाक टिकट जारी किए हैं."
भारत पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात रद्दइमेज कॉपीरइटFACEBOOK/MEA
Image captionविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा पाकिस्तान ने आतंकवाद और आतंकवादियों का महिमामंडन करने के लिए 20 डाक टिकट जारी किए हैं.

पाकिस्तान ने जताई थी मिलने की इच्छा

पाकिस्तान ने भारत को चिट्ठी लिख कर न्यूयॉर्क में होने वाले आमसभा से इतर मुलाक़ात की इच्छा जाहिर की थी. प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने यह चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद भारत इसके लिए तैयार हुआ था.
गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था, "मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि पाकिस्तान के आग्रह के बाद हमारे और पाकिस्तान के विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा से इतर मुलाक़ात करेंगे."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उस मुलाक़ात को वार्ता न समझा जाए. उन्होंने यह भी कहा था कि चरमपंथ के ख़िलाफ़ भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वो अपनी नीति पर बना हुआ है.
उनकी इस घोषणा से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फ़ैसल ने भारत से सकारात्मक बातचीत की शुरुआत की अपील की थी और सभी मुद्दे को सुलझाने की बात कही थी.
रवीश कुमार की गुरुवार की घोषणा के बाद सरकार को काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि आज सुरक्षा में लगे देश के जवानों का अपहरण किया जा रहा है, उनकी हत्या हो रही है और प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं.
उन्होंने कहा, "घोषणा के बाद तीन और पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया गया है. 10 से ज़्यादा ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. 2014 के बाद 414 जवान मारे गए हैं. 256 निर्दोष लोगों की हत्याएं हुईं, संघर्ष विराम का पांच गुना उल्लंघन हुआ है और विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में मुलाक़ात की बात कर रहे हैं."
भारत का स्टैंड रहा है कि चरमपंथ की घटनाओं के बीच पाकिस्तान के साथ किसी तरह की वार्ता नहीं होगी. हालांकि गुरुवार को रवीश कुमार ने न्यूयॉर्क में होने वाली मुलाक़ात को सामान्य बातचीत बताया था और इसे किसी तरह की वार्ता कहने से इंकार कर दिया था.
भारत पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात रद्दइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

'भारत चुनाव की तैयारी कर रहा है'

मुलाक़ात रद्द करने की घोषणा के दौरान रवीश कुमार ने कहा, "पाकिस्तान की तरफ़ से जो हो रहा है उससे ज़ाहिर होता है पाकिस्तान नहीं सुधरेगा. विदेश मंत्री स्तर पर पाकिस्तान से मुलाक़ात का निर्णय हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री के खतों में जो भावना थी, उसके तहत लिया था."
"उन्होंने आतंकवाद पर भी चर्चा की बात की थी. लेकिन अब ये लग रहा है कि पाकिस्तान की नई शुरुआत के पीछे, बातचीत के पीछे उनके नापाक इरादे हैं, जिनका खुलासा हो रहा है. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का असली चेहरा सामने आ गया है, वो भी उनके कार्यकाल के शुरुआती दौर में."
भारत के मुलाक़ात रद्द करने के फ़ैसले को पाकिस्तान ने ग़लत ठहराया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि भारत ने पाकिस्तान के आमंत्रण नकारात्मक तरीके से ठुकरा दिया है.
पाकिस्तान की ट्रिब्यून न्यूज वेबसाइट के मुताबिक क़ुरैशी ने कहा, "यह लग रहा है कि भारत अपने यहां होने वाले चुनावों के लिए तैयारी कर रहा है. पाकिस्तान ने साझा हित के लिए मुलाक़ात की अपील की थी."
  • इमरान ख़ान और नरेंद्र मोदी
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भारत का दावा कितना सच, कितना झूठ

भारत के विदेश मंत्रालय ने मुलाक़ात रद्द करने के पीछे तर्क दिया है कि उनकी घोषणा के बाद देश के कई सैनिकों के साथ बर्बरता की गई और देश जिसको चरमपंथी मानता है, पाकिस्तान की नई सरकार ने उनका डाक टिकट जारी कर उनका महिमामंडन कर रही है.
जबकि पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट द नेशन के मुताबिक बुरहान वानी पर डाक टिकट वहां के चुनावों से पहले 24 जुलाई को जारी किया गया था. पाकिस्तान सरकार ने कुल 20 डाक टिकट जारी किया था, जिनमें बुरहान के अलावा उनके दो सहयोगियों पर भी डाक टिकट थे.
पाकिस्तान ने इन्हें 'स्वतंत्रता के चेहरा' बताया था. द नेशन वेबसाइट लिखता है कि यह कश्मीर घाटी में लोगों पर हो रहे भारतीय सेना की बर्बरता पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचने के लिए जारी किया गया था.
बुरहान वानी हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर थे, जिन्हें 2016 में भारत प्रशासित कश्मीर में एक मुठभेड़ के दौरान भारतीय सैनिकों ने मार गिराया था.
उनकी हत्या के विरोध में घाटी में कई प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था, जिसमें हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं.
वहीं भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पिछले 24 घंटे में जिस बर्बरता की बात कर रहे हैं, उससे पहले भी भारत-पाक सीमा पर गतिरोध की ख़बरें आ रही थी.
अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर ये सब पहले से हो रहा था, तो फिर गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से मुलाक़ात की घोषणा क्यों की थी.

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