नारियल का तेल, खाने के लिहाज़ से स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया जाता है. लेकिन एक नई खोज ने नारियल तेल खाने वाले लोगों के मन में संशय पैदा कर दिया है.
दरअसल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में टीएच चैन स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के प्रोफ़ेसर कैरिन मिशेल्स ने दावा किया है कि नारियल तेल खाने में इस्तेमाल होने वाली सबसे बुरी चीज़ों में से एक है.
"कोकोनट ऑयल एंड न्यूट्रीशनल एरर" पर एक लेक्चर देते हुए हार्वर्ड के प्रोफ़ेसर मिशेल्स ने नारियल तेल को पूरी तरह ज़हर बताया है. उन्होंने कहा, इस तेल में सेच्युरेटेड फ़ैट की मात्रा बहुत अधिक होती है जो सेहत के लिए हानिकारक है.
मिशेल्स का कहना है कि सेच्युरेटेड फ़ैट की इतनी अधिक मात्रा हमारी धमनियों में खून का प्रवाह रोक सकती हैं. इससे दिल संबंधित बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है.
सेच्युरेटेड फ़ैट बहुत ज़्यादा
कुछ महीनों पहले डॉक्टर माइकल मोस्ले ने बीबीसी के लिए नारियल तेल पर एक रिसर्च की थी. माइकल मोस्ले साइंस जर्नलिस्ट हैं, उन्होंने मेडिसिन और सांइस पर बीबीसी के लिए काफ़ी काम किया है. इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि लोगों के बीच यह आम धारणा है कि नारियल का तेल स्वास्थ्य के लिहाज़ से बहुत अच्छा होता है.
क्या आप जानते हैं सुपर 30 के आनंद कुमार कितने हीरो कितने विलेन ?
भारत में हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन (एनआईएन) में डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अहमद इब्राहिम ने नारियल तेल के बारे में बीबीसी को बताया कि इसमें लगभग 90 प्रतिशत सेच्युरेडेट फ़ैट होता है.
डॉ. माइकल ने जो रिसर्च बीबीसी के लिए की, उसमें भी उन्होंने यह तथ्य पाया है. उनके मुताबिक़ नारियल तेल में पाया जाने वाला सेच्युरेडेट फ़ैट मक्खन से अधिक है. नारियल में 86 प्रतिशत सेच्युरेडेट फ़ैट है जबकि मक्खन में 51 प्रतिशत होता है.
नुकसान भी, फ़ायदा भी
सवाल उठता है कि आखिर सेच्युरेटेड फ़ैट वाले खाने से क्या नुकसान हो सकता है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सेच्युरेटेड फ़ैट शरीर में गु़ड और बैड दोनों तरह के कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है. लेकिन दोनों का असर शरीर पर अलग-अलग पड़ता है.
डॉ. माइकल इस बारे में बताते हैं, "जिस खाने में सेच्युरेटेड फ़ैट की मात्रा बहुत अधिक होती है वह हमारे खून में लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) की मात्रा बढ़ा देता है. एलडीएल को ही बैड कोलेस्ट्रोल कहते हैं.
एलडीएल की मात्रा जब अधिक हो जाती है तो यह हमारी धमनियों में कोलेस्ट्रोल बनाने लगता है, जिससे धमनियों में खून का प्रवाह रुक जाने का ख़तरा बढ़ जाता है.
वहीं दूसरी तरफ़ यही सेच्युरेटेड फ़ैट हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) जिसे गुड कोलेस्ट्रोल कहा जाता है, उसकी मात्रा भी बढ़ाता है.
एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रोल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद कोलेस्ट्रोल को लीवर की तरफ ले जाता है, इसके बाद हमारा लीवर कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर निकाल देता है और इसका नुकसान नहीं होता.
नारियल तेल खाना सही या नहीं
डॉक्टर अहमद इब्राहिम कहते हैं कि नारियल तेल खाने के लिहाज़ से कितना स्वास्थ्यवर्धक है, इस बारे में कोई वैज्ञानिक रिसर्च अभी तक नहीं की गई है. यही बात डॉक्टर माइकल की रिपोर्ट भी बताती है.
बीबीसी ने अपने प्रोग्राम Trust Me I 'm a Doctor के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के दो प्रतिष्ठित शिक्षाविद के-टी खॉ और नीता फ़ोरोही से संपर्क किया. इस कार्यक्रम में 50 साल से 75 साल की उम्र के 94 लोगों को तीन ग्रुप में बांटा गया.
इनमें से किसी भी व्यक्ति को डायबिटीज़ या हृदय रोग जैसी बीमारियां नहीं थीं. तीनों ग्रुप को चार हफ़्तों तक अलग-अलग तरह के तेल का सेवन करवाया गया. शर्त यह थी कि एक समूह पूरे चार हफ़्ते तक एक ही तरह के तेल का सेवन करेगा.
चार हफ़्ते बाद पाया गया कि जिस ग्रुप ने बटर का सेवन किया था उनके शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा 10 प्रतिशत बढ़ गई थी साथ ही गुड कोलेस्ट्रोल भी 5 प्रतिशत बढ़ा था.
जिस ग्रुप ने ऑलिव ऑयल (जैतून के तेल) का सेवन किया उनके शरीर में गुड और बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा थोड़ी कम हो गई.
लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाला नतीजा नारियल तेल का सेवन करने वाले ग्रुप से मिला. इस ग्रुप के लोगों में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा बहुत अधिक तो नहीं बढ़ी लेकिन गुड कोलेस्ट्रोल लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ गया.
इससे यह कहा जा सकता है कि नारियल तेल का सेवन दिल के लिए अच्छा होता है.
डॉक्टर अहमद इब्राहिम बताते हैं कि नारियल तेल ऊर्जा प्राप्त करने का एक बेहतरीन स्रोत होता है, साथ ही यह हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म रेट को भी बढ़ाता है.
फिर नारियल तेल ज़हर कैसे?
अगर नारियल तेल हमारे शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है और यह दिल के लिए भी अच्छा है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि इसे ज़हर क्यों बताया जा रहा है?
डॉ़. अहमद इसका भी जवाब देते हैं. उनके मुताबिक अगर कोई सिर्फ़ नारियल तेल का ही सेवन करता रहे तो उसके शरीर में सेच्युरेटेड फ़ैट बहुत अधिक हो सकता है. इसलिए अलग-अलग तरह के तेल का सेवन करने की सलाह दी जाती है.
भारत के दक्षिणी हिस्से में नारियल तेल का बहुत अधिक सेवन होता है लेकिन यह नुकसानदायक इसलिए नहीं होता क्योंकि लोग दूसरे तरह का खाना खाने से अन्य तरह के तेल का सेवन भी कर लेते हैं.
बीबीसी के प्रोग्राम से निकले नतीजे ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर खॉ को चौंका दिया था. उन्होंने कहा, ''यह नतीजा क्यों आया मुझे इसका साफ़-साफ़ अनुमान नहीं है, हो सकता है कि नारियल तेल में मिलने वाले सेच्युरेटेड फ़ैट में लॉरिक एसिड होता है जिसका असर खून पर पड़ता है.''
कुल मिलाकर यह कहना कि नारियल का तेल हमारे लिए पूरी तरह स्वास्थ्यवर्धक है या यह पूरी तरह हानिकारक है, दोनों ही विचार अपने-आप में अधूरे हैं. सिर्फ़ नारियल तेल का ही सेवन करते रहना हमारे शरीर को दूसरे तत्वों से दूर कर सकता है.
अंत में प्रोफ़ेसर खॉ की सलाह मानें तो अगर आप किसी खाने में नारियल का तेल डालते हैं तो उसे जारी रखें, नारियल तेल को पूरी तरह खाने से बंद करना कोई उपाय नहीं.
Tags
Tech & Science