Post Write By-UpendraArya
मोबाइल फोन के इतिहास में कभी भी नई तकनीक के बारे में इतना प्रचार नहीं किया गया, जितना 5G टेक्नोलॉजी का हो रहा है। मोबाइल फोन ऑपरेटर, हैंडसेट निर्माता और उपकरण विक्रेता इस ग्राउंड ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे पहले कुछ बड़ा हासिल करने का दावा करने के लिए बेकरार हैं। मगर, इसके साथ ही कई चीजें दांव पर लगी हैं।
मोबाइल फोन के इतिहास में कभी भी नई तकनीक के बारे में इतना प्रचार नहीं किया गया, जितना 5G टेक्नोलॉजी का हो रहा है। मोबाइल फोन ऑपरेटर, हैंडसेट निर्माता और उपकरण विक्रेता इस ग्राउंड ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे पहले कुछ बड़ा हासिल करने का दावा करने के लिए बेकरार हैं। मगर, इसके साथ ही कई चीजें दांव पर लगी हैं।
मोबाइल उद्योग को भी 5G की सख्त जरूरत है। इसके जरिए वह नए राजस्व स्रोतों, बाजार में हिस्सेदारी या विकास को बढ़ावा देना चाहता है। बताते चलें कि 1980 के दशक के मध्य में मोबाइल फोन पहली बार सामने आए थे और उसके बाद से मोबाइल उद्योग ने नेटवर्क और प्रौद्योगिकी की कई नई पीढ़ियों को लॉन्च किए। 80 के दशक के शुरुआती एनालॉग 'ब्रिक' फोन को 1990 के दशक में 2जी जीएसएम, डिजिटल और अंतर्राष्ट्रीय रोमिंग सेवा ने पीछे छोड़ दिया।
इसके बाद 2000 के दशक में 3जी ने बेहतर सुविधा और इंटरनेट कनेक्टिविटी देना शुरू किया। वहीं, 2010 के दशक में 4जी ने लोगों को ब्रॉडबैंड अनुभव मुहैया कराया। अब 2020 में पांचवी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी 5जी को पेश किया जाना है। मगर, इसका काम इतनी तेजी से हो रहा है कि 2019 की पहली ही तिमाही में 5जी फोन बाजार में आ जाएंगे।
बताया जा रहा है कि इसमें एचडी मूवी एक मिनट से भी कम समय में डाउनलोड हो जाएगी। लॉन्च के समय क्षमता और कवरेज तुरंत नहीं होगा, लेकिन समय के साथ दोनों ही बेहतर हो जाएंगी। यूजर्स के लिए 5G स्पीड काफी मायने रखेगी, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह 4जी की तुलना में एक हजार गुना अधिक तेज है। शुरुआती 5जी फोन की कीमत 600 पाउंड (करीब 60 हजार रुपए) हो सकती है।
स्वाभाविक रूप से यह अधिक से अधिक ऑनलाइन कॉन्टेंट, खासतौर पर वीडियो देखने की हमारी रुचि को पूरा कर सकेगी। मगर, 5G की वजह से सिर्फ मोबाइल हैंडसेट में ही बदलाव नहीं होंगे, यह फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के माध्यम से घरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट का उपयोग प्रदान करने का एक वैकल्पिक तरीका भी साबित होगा। यानी फिक्स्ड लाइनों के बजाय वायरलेस मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा।
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