भुत या आत्मा पर वैज्ञानिक परीक्षण -Ghost or spirit of scientific tests -
भूत का अनुभव करने का दावा दुनिया में ज्यादातर लोग करते हैं. ऐसी कई horror stories आज भी दुनिया में प्रचलित हैं. लेकिन इन कहानियों में कितनी सच्चाई होती हैं? लोदों को ऐसे अनुभव के दौरान वास्तव में क्या होता हैं और science इसके बारे में क्या कहता हैं? आइये जानते हैं: Scientific Explanations For Ghost and Spirits in hindi. भूत के लिए कुछ वैज्ञानिक स्पष्टीकरण.
जब स्विस वैज्ञानिकोंने एक मिरगी के रोगी के मस्तिष्क की उलेक्ट्रिक उत्तेजना को देखा तब उन्होंने एक डरावनी चीज़ देखी. रोगी ने उनको बताया की उसके पीछे एक छायावाली आकृति खड़ी हैं, जो उसकी हर एक हरकत की कॉपी कर रही थी. रोगी के मुताबिक जब वह खड़ा हुआ तब वह आकृति भी उसके साथ खडी हुई और जब डॉक्टर ने उसे एक कार्ड पढने के लिए दिया तब उस आकृतीने वह उसके हाथ से छीन लिया.
तो तब रोगी के दिमाग में उस वक़्त क्यां हो रहा था? उस वक़्त वैज्ञानिकोंने उस रोगी के दिमाग के बाए temporoparietal जंक्शन को stimulate किया हुआ था. temporoparietal जंक्शन मस्तिष्क का वह हिस्सा हैं जो स्वयं के विचारों को परिभाषित करता है. इस प्रयोग के दौरान मस्तिष्क के इसी क्षेत्र में हस्तक्षेप किया गया था. वैज्ञानिकों ने उस वक़्त रोगी के दिमाग में स्वयं के शरीर को समझने की क्षमता को खराब कर दिया था. शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं की इस बात को समजने की यहीं एक कुंजी हो सकती हैं. उनका मानना हैं की यहीं कारण हो सकता हैं की लोगो को छायावाली आकृतियों या एलियन जैसे जानवर दीखते हैं.
SCARY GHOST,CREEPY GHOST,CREEPY GHOST FACE
Ideomotor Effect
लगभग एक शतक पहले दुनिया भर में और ज्यादातर अमेरिका में लोग एक चीज़ पर ज्यादा विश्वास करते थे और अभी भी कुछ लोग करते हैं. वह हैं Ouija board. यह बोर्ड लोगों को उनके मृत प्रियजनों से बात करने का तरीका प्रदान करता था. इस बोर्ड पर कुछ अक्षर, नंबर और सिंपल शब्द (जैसे की yes या no) होते थे. लोग अपने हाथ उस बोर्ड पर मौजूद लकड़ी के एक टुकड़े पर रखते थे जिसे planchette कहा जाता हैं, और वहां पर मौजूद आत्मा से सवाल पूछते थे. आत्मा उस planchette को अलग अलग शब्दों पर ले जा कर प्रतिक्रिया करता था और उनके सवालों के जवाब देता था.
आत्माओं के साथ बातचीत के लिए एक और खौफनाक विधि होती थी जिसे table tilting. इस विधि के लिए कुछ लोग एक टेबल के आसपास राउंड बनाकर बैठ जाते और सभी लोग उनके हाथ टेबल पर रखते और आश्चर्यजनक रूप से टेबल अपने आप हिलना शुरू हो जाता. कई बार तो उड़कर कमरे के या घर के बाहर भी उड़ जाता था.
कुछ लोग ऐसी घटनाओं को सच मानते थे लेकिन ज्यादातर मुठभेड़ों में धोखाधड़ी ही होती थी. प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी माइकल फैराडे इस बात का पता लगाना चाहते थे. एक चालक प्रयोग के माध्यम से, फैराडे ने यह साबित किया की टेबल अक्सर ideomotor प्रभाव की वजह से हिलता था. इस प्रभाव के मुताबिक जब हमारे दिमाग को कोई सूचना या सुझाव मिलता हैं तब हमारी मांसपेशियां अनजाने में ही वह कार्य करने लग जाती हैं. सुझाव की शक्ति ही हमारी मांसपेशियों को अनजाने में स्थानांतरित करने का कारण बनती है. लोगो को पता नहीं होता लेकिन टेबल वे खुद ही हिला रहे होते हैं. वे चाहते हैं की टेबल वहाँ से हिले तो वह हिलता हैं, लेकिन उनकी वजह से. यहीं प्रभाव Ouija board पर भी लागू होता हैं.
डॉ. रिचर्ड वाइजमैन के मुताबिक हम विशेष रूप से हमारे पेट में इन तरंगों को महसूस कर सकते हैं और तब यही तरंगे सकारात्मक या नकारात्मक भावनाएं उत्पन करती हैं. अगर आसपास का वातावरण सहीं रहा (जैसा की किसी भूतिया कहलानेवाले घर का होता हैं) तब डर की भावना पैदा हो सकती हैं.
Infrasound तूफान, हवाए, मौसम के पैटर्न और यहाँ तक कि हर रोज के उपकरणों के द्वारा उत्पन हो सकता हैं. हमारी आँखों के नेत्रगोलको के हिलचाल की आवृत्ति 20 Hz के आसपास होती हैं. इसी तरह, डॉ वाइजमैन का भी मानना है की ऐसे कंपन ही भूतिया स्थानों पर असाधारण गतिविधि के लिए जिम्मेदार हैं. उदाहरण के लिए, जब वे दो अंडरग्राउंड जगहों की जांच कर रहे थे तब उन्होंने जमीन के ऊपर चल रहे ट्राफिक से आनेवाले infrasound के सबूत की खोज की. ऐसा माना जाता हैं की बिल्ली और कुत्तों जैसे जानवर ऐसी आवाजों को काफी अच्छी तरह से सुन सकते हैं.
जब एक मनोवैज्ञानिक उसके दिमाग को शुध्ध या खाली करता हैं तब उसके दिमाग में random तस्वीरें और विचार आने शुरू हो जाते हैं. मनोवैज्ञानिक यह सोचता हैं की उसके दिमाग में यह तस्वीरे और विचार किसी अन्य वस्तु या अस्तित्व से आ रहे हैं. हालांकि सच बात यह हैं की वे सब विचार उसके मन से ही उत्पन हुए होते हैं.
हमारे दिमाग हर तरह के विचारों को किसी भी तरह के सचेत प्रयास के बिना ही उन्हें मन में लाने के लिए सक्षम होते हैं. आपने कई बार पूरी तरह से विचित्र बुरे सपने या daydreams देखे होंगे. लेकिन यह कोई दूसरी दुनिया के स्पिरिट गाइड का काम नहीं हैं बल्कि आपका दिमाग होता हैं.
उनके मुताबिक जब इन्सान की मौत से करीबी मुठभेड़ होती हैं तब दिमाग के अन्दर की सभी क्वांटम माहिती बाहर निकल जाती हैं, लेकिन बाहर होते हुए भी अस्तित्व में रहती हैं. इसलिए कुछ लोग आउट ऑफ बॉडी अनुभव को महसूस करने की बात करते हैं.
मस्तिक की इलेक्ट्रिक उत्तेजना
पूरी दुनिया में ऐसे कई चश्मदीद गवाह हैं जिन्होंने छायावाली आकृतियों (Shadow People) को देखा हैं. उनके मुताबिक ऐसे जानवर उनकी आँखों के कोने से उनकी तरफ झाँख रहे होते हैं और जब वे उन्हें देखते हैं तो वे गायब हो जाते हैं. कई लोग विश्वास करते हैं की ऐसी आकृतियाँ राक्षश होती हैं, कुछ लोगो के मुताबिक वे astral bodies (आत्माएं) होती हैं, कुछ लोग मानते हैं की वे लोग Time Travellers (समय यात्री) होते हैं जो कुछ सेकंड के लिए यहाँ पर थे और फिर गायब हो गए. हालांकि, कुछ शोधकर्ताओं के पास एक चौंकाने वाला सिद्धांत है.जब स्विस वैज्ञानिकोंने एक मिरगी के रोगी के मस्तिष्क की उलेक्ट्रिक उत्तेजना को देखा तब उन्होंने एक डरावनी चीज़ देखी. रोगी ने उनको बताया की उसके पीछे एक छायावाली आकृति खड़ी हैं, जो उसकी हर एक हरकत की कॉपी कर रही थी. रोगी के मुताबिक जब वह खड़ा हुआ तब वह आकृति भी उसके साथ खडी हुई और जब डॉक्टर ने उसे एक कार्ड पढने के लिए दिया तब उस आकृतीने वह उसके हाथ से छीन लिया.
तो तब रोगी के दिमाग में उस वक़्त क्यां हो रहा था? उस वक़्त वैज्ञानिकोंने उस रोगी के दिमाग के बाए temporoparietal जंक्शन को stimulate किया हुआ था. temporoparietal जंक्शन मस्तिष्क का वह हिस्सा हैं जो स्वयं के विचारों को परिभाषित करता है. इस प्रयोग के दौरान मस्तिष्क के इसी क्षेत्र में हस्तक्षेप किया गया था. वैज्ञानिकों ने उस वक़्त रोगी के दिमाग में स्वयं के शरीर को समझने की क्षमता को खराब कर दिया था. शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं की इस बात को समजने की यहीं एक कुंजी हो सकती हैं. उनका मानना हैं की यहीं कारण हो सकता हैं की लोगो को छायावाली आकृतियों या एलियन जैसे जानवर दीखते हैं.
SCARY GHOST,CREEPY GHOST,CREEPY GHOST FACE
Ideomotor Effect
लगभग एक शतक पहले दुनिया भर में और ज्यादातर अमेरिका में लोग एक चीज़ पर ज्यादा विश्वास करते थे और अभी भी कुछ लोग करते हैं. वह हैं Ouija board. यह बोर्ड लोगों को उनके मृत प्रियजनों से बात करने का तरीका प्रदान करता था. इस बोर्ड पर कुछ अक्षर, नंबर और सिंपल शब्द (जैसे की yes या no) होते थे. लोग अपने हाथ उस बोर्ड पर मौजूद लकड़ी के एक टुकड़े पर रखते थे जिसे planchette कहा जाता हैं, और वहां पर मौजूद आत्मा से सवाल पूछते थे. आत्मा उस planchette को अलग अलग शब्दों पर ले जा कर प्रतिक्रिया करता था और उनके सवालों के जवाब देता था.
आत्माओं के साथ बातचीत के लिए एक और खौफनाक विधि होती थी जिसे table tilting. इस विधि के लिए कुछ लोग एक टेबल के आसपास राउंड बनाकर बैठ जाते और सभी लोग उनके हाथ टेबल पर रखते और आश्चर्यजनक रूप से टेबल अपने आप हिलना शुरू हो जाता. कई बार तो उड़कर कमरे के या घर के बाहर भी उड़ जाता था.
कुछ लोग ऐसी घटनाओं को सच मानते थे लेकिन ज्यादातर मुठभेड़ों में धोखाधड़ी ही होती थी. प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी माइकल फैराडे इस बात का पता लगाना चाहते थे. एक चालक प्रयोग के माध्यम से, फैराडे ने यह साबित किया की टेबल अक्सर ideomotor प्रभाव की वजह से हिलता था. इस प्रभाव के मुताबिक जब हमारे दिमाग को कोई सूचना या सुझाव मिलता हैं तब हमारी मांसपेशियां अनजाने में ही वह कार्य करने लग जाती हैं. सुझाव की शक्ति ही हमारी मांसपेशियों को अनजाने में स्थानांतरित करने का कारण बनती है. लोगो को पता नहीं होता लेकिन टेबल वे खुद ही हिला रहे होते हैं. वे चाहते हैं की टेबल वहाँ से हिले तो वह हिलता हैं, लेकिन उनकी वजह से. यहीं प्रभाव Ouija board पर भी लागू होता हैं.
Infrasound
हम मनुष्य 20,000 Hertz की आवाज को सुन सकते हैं. लेकिन हमारे लिए 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की आवाजे सुनना बेहद मुश्किल हैं. ऐसी खामोश आवाजों को Infrasound कहाँ जाता हैं. ज्यादातर हम इन आवाजों को सुन नहीं सकते हैं लेकिन उनके कम्पनों को महसूस अवश्य कर सकते हैं.डॉ. रिचर्ड वाइजमैन के मुताबिक हम विशेष रूप से हमारे पेट में इन तरंगों को महसूस कर सकते हैं और तब यही तरंगे सकारात्मक या नकारात्मक भावनाएं उत्पन करती हैं. अगर आसपास का वातावरण सहीं रहा (जैसा की किसी भूतिया कहलानेवाले घर का होता हैं) तब डर की भावना पैदा हो सकती हैं.
Infrasound तूफान, हवाए, मौसम के पैटर्न और यहाँ तक कि हर रोज के उपकरणों के द्वारा उत्पन हो सकता हैं. हमारी आँखों के नेत्रगोलको के हिलचाल की आवृत्ति 20 Hz के आसपास होती हैं. इसी तरह, डॉ वाइजमैन का भी मानना है की ऐसे कंपन ही भूतिया स्थानों पर असाधारण गतिविधि के लिए जिम्मेदार हैं. उदाहरण के लिए, जब वे दो अंडरग्राउंड जगहों की जांच कर रहे थे तब उन्होंने जमीन के ऊपर चल रहे ट्राफिक से आनेवाले infrasound के सबूत की खोज की. ऐसा माना जाता हैं की बिल्ली और कुत्तों जैसे जानवर ऐसी आवाजों को काफी अच्छी तरह से सुन सकते हैं.
Automatism (स्वचालन)
Automatism (स्वचालन) के दौरान चेतना की अवस्थाएं बदली हुई होती हैं. इस दौरान जब लोग कुछ भी बोलते हैं या सोचते हैं, उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं होता हैं. जब एक मनोवैज्ञानिक उसके दिमाग को शुध्ध करता हैं तब वह एक दोस्ताना स्पिरिट गाइड की खोज करने लगता हैं. यह स्पिरिट गाइड उस मनोवैज्ञानिक के शरीर में प्रवेश करता हैं और ब्रह्मांड के बारे में गुप्त ज्ञान प्रदान कराता हैं.जब एक मनोवैज्ञानिक उसके दिमाग को शुध्ध या खाली करता हैं तब उसके दिमाग में random तस्वीरें और विचार आने शुरू हो जाते हैं. मनोवैज्ञानिक यह सोचता हैं की उसके दिमाग में यह तस्वीरे और विचार किसी अन्य वस्तु या अस्तित्व से आ रहे हैं. हालांकि सच बात यह हैं की वे सब विचार उसके मन से ही उत्पन हुए होते हैं.
हमारे दिमाग हर तरह के विचारों को किसी भी तरह के सचेत प्रयास के बिना ही उन्हें मन में लाने के लिए सक्षम होते हैं. आपने कई बार पूरी तरह से विचित्र बुरे सपने या daydreams देखे होंगे. लेकिन यह कोई दूसरी दुनिया के स्पिरिट गाइड का काम नहीं हैं बल्कि आपका दिमाग होता हैं.
Temperature (तापमान)
अगर आप रात में कभी भी किसी डरावनी हवेली या घर की जांच करने के लिए गए हो तो तब आपने महसूस किया होगा की अचानक ही वहाँ पर ठंडी हवा बहने लगती हैं. लेकिन तब अगर आप कुछ कदम आगे या पीछे की ओर बढ़ाएंगे तब तापमान फिर से नार्मल हो जाएंगा. ऐसी जगह को भूतों का अध्ययन करनेवाले मनोवैज्ञानिक cold spot कहते हैं. घोस्टहन्टर्स के अनुसार, एक ठंडा स्थान असाधारण गतिविधि का संकेत है. जब भूत के पास कुछ खास करने के लिए नहीं होता तब वह पतली हवा की मदद से बाहर दिखाई देते हैं और लोगो को डराते हैं, क्योंकि उसे उर्जा की जरुरत होती हैं. तो भूत अपने आसपास के परिवेश से गर्मी को खींचते हैं और प्रकट होते हैं.
हालांकि, इस घटना के लिए वैज्ञानिकों के पास एक बहुत सरल और अधिक बोरिंग स्पष्टीकरण है. जब कुछ नास्तिकोंने भूतिया घरों की जांच की तब उन्होंने ज्यादातर घर की चिमनी से अन्दर की तरफ आती ठंडी हवा को नोटिस किया. लेकिन अगर कमरा पूरी तरह से सिल हो तब भी उसके लिए पूरी तरह से तर्कसंगत स्पष्टीकरण हैं. हर वस्तु के पास अपना खुद का तापमान होता हैं और कुछ चीज़े दूसरी चीजों की तुलना में ज्यादा गर्म होती हैं. तापमान को संतुलित करने की प्रक्रिया के दौरान ऐसे पदार्थ अपनी गर्मी खोते हैं. इसे
संवहन (convection) कहाँ जाता हैं.
यह घुमती हवा किसी व्यक्ति की त्वचा की तुलना में ज्यादा ठंडी महसूस होंगी. यह हवा उस जगह को एक cold spot होने का एहसास करवाती हैं. तो अगली बार अगर आप किसी भूतिया उपस्थिति को महसूस करे तो हीटर चालू कर दीजिए.Camera Issues (कैमरा इश्यूज)
घोस्टहंटर के प्रकाश के गोलों के लिए प्यार-नफरत के संबंध होते हैं. प्रकाश के इन चमकीले गोलों को लोगो की आत्माएं माना जाता हैं, यह वे लोग हैं जो मर चुके हैं लेकिन पूरी तरह से नहीं. आंखों के लिए अदृश्य इन गोलों को केवल तस्वीरों में देखा जा सकता है और वहाँ से चीज़े मुश्किल होना शुरू हो जाती हैं. जब कोई कीड़ा या धुल उड़ते उड़ते कैमरा के ज्यादा करीब आ जाते हैं तब वह उस वक़्त खिचे हुए फोटो में ब्लर वाला और बिना फोकस वाले सर्किल के रूप में दीखता हैं. इसके लिए कैमरा फ़्लैश भी उतना ही जिम्मेदार होता हैं, क्योंकि इसकी वजह से यह गोले चमकदार दीखते हैं और उन्हें भूत मान लिया जाता हैं. कुछ नकली एडिट किए फोटोज भी होते हैं जिन पर ज्यादातर लोग विश्वास कर लेते हैं.Carbon Monoxide poisoning (कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता)
कार्बन मोनोआक्साइड एक बिना गंध और बिना रंगवाला गैस है, जिसकी मौजूदगी का पता लगाना बेहद मुश्किल हैं. यह खतरनाक है क्योंकि हमारी लाल रक्त कोशिकाए ऑक्सीजन की तुलना में ज्यादा आसानी से कार्बन मोनोक्साइड को अवशोषित करती हैं. तब इस ऑक्सीजन का अभाव कमजोरी, मितली, भ्रम और अंत में मौत का कारण भी बन सकता हैं. लेकिन इन सब से पहले आपको मतिभ्रम अनुभव होगा. जिसकी वजह से आप को अचानक हि कोई भी चीज़ दिख सकती हैं. जिसे आप भूत समज बैठते हैं.Mass Hysteria (मास हिस्टीरिया)
जब एक से ज्यादा लोग एक साथ बहुत तनाव में होते हैं तब यह सामूहिक भ्रम महसूस होता हैं. कोई दमनकारी वातावरण, जैसे की स्कूल या ऑफिस. यह तनाव बाद में सिर दर्द, मतली, या हिंसक ऐंठन के रूप में शारीरिक लक्षणों में बदल जाता है. इसलिए कई बार लोग एकसाथ किसी अन्य चीज़ को देखकर उसे भूत समज बैठते हैं. कई बार हालत भी साथ दे देते हैं.Quantum Mechanics (क्वांटम यांत्रिकी)
क्वांटम यांत्रिकी में छोटे से भी छोटे प्रकार के पदार्थ का अध्ययन किया जाता है. हालांकि यह बात बहुत ही अजीब लगेगी जब कुछ भौतिकशास्त्री आत्माओं और भूतों के बारे में बात शुरू कर देंगे. जैसे की डॉ स्टुअर्ट हेमरोफ और उनके भौतिक विज्ञानी दोस्त रोजर पेनरोज. इन दोनों का यह मानना हैं की इन्सान की चेतना हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं के अंदर की सूक्ष्मनलिकाओं से आती हैं, और यह नलिकाए टम प्रसंस्करण के लिए जिम्मेदार हैं.उनके मुताबिक जब इन्सान की मौत से करीबी मुठभेड़ होती हैं तब दिमाग के अन्दर की सभी क्वांटम माहिती बाहर निकल जाती हैं, लेकिन बाहर होते हुए भी अस्तित्व में रहती हैं. इसलिए कुछ लोग आउट ऑफ बॉडी अनुभव को महसूस करने की बात करते हैं.
Sorry guys bade din bad aaya but achhi topic aaya h...
so comments jaroor likhana new post jald hi our agar vo post sabase pahale dekhana hai to follow me
good morning everyone
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