What the F**k : बटक बड़ा करवाने का चलन क्यों बढ़ रहा है?



बटक बड़ा करवाने का चलन क्यों बढ़ रहा है?

फ़ैशन की दुनिया में कब कौन सा ट्रेंड सिर चढ़कर बोलने लगे कुछ कहा नहीं जा सकता है.
अब 'ब्राज़ीलियन बट लिफ्ट' यानी बीबीएल को ही ले लीजिए, इसकी खुमारी इस कदर छाई हुई है कि लोग अपनी जान तक दांव पर लगा रहे हैं.
तीन बच्चों की एक मां बीबीएल सर्जरी कराने इंग्लैंड से तुर्की चली गईं और इस जानलेवा सर्जरी में उनकी मौत हो गई.
लीह कैंब्रीज इंग्लैंड में लीड्स शहर की थी और उन्हें तुर्की के इज़मीर शहर के क्लिनिक में इस सर्जरी के दौरान तीन हार्ट अटैक आए.
यह जानकारी लीह कैंब्रीज के पार्टनर स्कॉट फ्रैंक्स ने ब्रिटिश अख़बार द सन को दी

वैसे ये ट्रेंड तेजी से बढ़ क्यों रहा है और इसकी सर्जरी जानवेला क्यों है?
दरअसल इस सर्जरी में पेट से चर्बी लेकर बट यानी नितंब पर भरा जाता है. 

जानलेवा क्यों?

29 साल की इस ब्यूटीशियन ने बीबीएल सर्जरी विदेश में कराने का फ़ैसला इसलिए लिया क्योंकि ब्रिटेन में यह महंगा है. फ्रैंक्स का कहना है कि वो पेट की बढ़ती चर्बी से आजिज आ गई थीं, इसलिए बीबीएल कराने का फ़ैसला लिया.
लीह के पड़ोसी बिल्कुल हैरान हैं. पड़ोसियों को लग रहा था कि लीह के पार्टनर इस सर्जरी के लिए तैयार नहीं थे.
ब्रिटेन

में लीह कोई एकलौती नहीं हैं जो ऐसी चाहत रखती हैं. जॉय विलियम्स भी 2014 में अपने बट को बढ़ाने की सर्जरी कराने बैंकॉक गई थीं.
इसी सर्जरी के दौरान उनका ज़ख़्म संक्रमित हो गया. इन्फेक्शन इस कदर बढ़ा कि लंदन की 24 साल की जॉय की ऐनिस्थेटिक अवस्था में ही मौत हो गई.
तीन साल पहले पश्चिमी लंदन की 20 साल की क्लाउडिया एडरोटिमी की अमरीका में इसी सर्जरी के दौरान मौत हो गई थी. प्लास्टिक सर्जन ब्रयान मायोयु का कहना है कि बीबीएल सर्जरी दूसरे कॉस्मेटिक सर्जरी की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक नहीं है.


बट सर्जरीइमेज कॉपीरइट SCOTT FRANKS/FACEBOOK
Image caption स्कॉट फ्रैंक्स अपनी पार्टनर्स की मौत के बाद से बिल्कुल टूट चुके हैं और वो कॉस्मेटिक सर्जरी से बचने की सलाह देते हैं.


वो कहते हैं, ''ख़तरनाक इसलिए है कि सर्जरी करने वाले ट्रेंड और एक्सपर्ट नहीं हैं. अगर चर्बी को मांसपेशियों की टिश्यू और बट के निचले हिस्से में गहराई तक भरा जाता है तो यह ख़तरनाक साबित होता है. चर्बी थक्के के रूप में होती है और कई बार रक्तप्रवाह में बाधा बन जाती है. मौत भी इसी वजह से हो जाती है. आप अगर चर्बी शिफ़्ट कर रहे हैं को इन ख़तरों को लेकर सतर्क रहना चाहिए.''
31 साल के फ्रैंक्स ने द सन से कहा, ''लीह ऐनिस्थेटिक (बेहोशी) अवस्था में थीं और उसी वक़्त फैट रक्तप्रवाह में जम गया. इस वजह से ऑक्सीज़न की कमी हो गई. लीह के हालात स्थिर तो हुई, लेकिन तीन हार्ट अटैक आए और उसके बाद कुछ किया नहीं जा सका.''

स्कॉट फ्रैंक्स

बड़ा बट पसंद क्यों?

मायोयु का कहना है कि इंटरनेशनल सोसाइटी के प्लास्टिक सर्जनों ने एक टास्कफ़ोर्स का गठन किया है. यह टास्कफ़ोर्स बीबीएल सर्जरी की प्रक्रिया पर एक रिपोर्ट देगा.
बीबीएल में डेथ रेट 3,000 में एक है. मायोयु का कहना है कि इस सर्जरी में मौत के मामलों की जांच की गई तो पता चला कि सभी केसों में फैट थक्के के रूप में बट की मांसपेशियों में जमा था.
पश्चिमी लंदन में चेल्सी के कडागेन क्लिनिक के एक सर्जन का कहना है कि पिछले चार सालों में बट के आकार को बढ़ाने के लिए सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़ी है.
बट बढ़ाने की सनक के बारे में उन्होंने कहा, ''कुछ साल पहले तक महिलाएं छोटे बट पंसद कर रही थीं. छोटे बट के लिए भी सर्जरी हो रही थी पर यह अब आउट ऑफ़ फ़ैशन हो गया है. अब बीबीएल की डिमांड ख़ूब है.''


बट सर्जरी

ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर महिलाओं को बड़ा बट पसंद क्यों आ रहा है? मायोयु कहते हैं, ''ये लोकप्रिय संस्कृति का ज़माना है और महिलाओं को कर्वी फिज़ीक ख़ूब रास आ रहा है. हमलोग विविध संस्कृति और नस्ल वाली दुनिया में रह रहे हैं. इस दुनिया में शरीर के अलग-अलग आकार हैं और सबकी अपनी ख़ूबसूरती है. आज की दुनिया में ऐसी तकनीक भी उपल्बध है जिससे मनचाहे आकार पाया जा सके.''
किम कार्दशियन, काइली जेनर और कार्डी बी जैसी सीलेब्रिटीज के सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में फॉलोवर्स हैं. ये अभिनेत्रियां अपने बट की तड़क-भड़क वाली तस्वीरें नियमित रूप से डालती हैं. इन तस्वीरों को देखकर भी महिलाएं प्रेरित होती हैं.
मायोयु कहते हैं, ''ज़्यादातर लोगों को लगता है कि एक ऑपरेशन से इसके दो फ़ायदे हैं. पहला यह कि आप वहां से चर्बी हटवा रहे हैं जहां नहीं चाहते हैं और वहां शिफ़्ट करवा रहे हैं जहां चाहते हैं.'' तुर्की जैसे देशों में ब्रिटेन की तुलना में इस तरह की सर्जरी सस्ती है.''

बट बढ़ाने की सर्जरी में होता क्या है?



बट सर्जरी
  • बट का आकार बड़ा बनाया जाता है. इसे एक सुडौल शेप दिया जाता है ताकि देखने में आकर्षक लगे.
  • सर्जन सिलिकॉन भरते हैं या फिर शरीर के बाक़ी हिस्सों की चर्बी यहां शिफ़्ट करते हैं.
  • इसका ख़र्च क्लिनिक और देश पर निर्भर करता है. ब्रिटेन में क़रीब 6 लाख तक ख़र्च होता है. वहीं भारत में ये ख़र्च तीन लाख के आसपास बैठता है.
  • सर्जरी के बाद दर्द भी झेलना पड़ता है. ख़ास कर उस हिस्से में जहां चर्बी शिफ़्ट की जाती है. तीन हफ़्तों तक सीधे बट के सहारे बैठने की मनाही होती है.
  • कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है. 


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