जिस प्रकार से जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग में बढ़ोतरी होती जा रही है उसके मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है आने वाले 2050 तक धरती से मनुष्य का अस्तित्व खत्म होने की संभावना है। इसके संबंध में शोध किया गया जो कि हैरान कर देना वाला और अब तक का सबसे गंभीर शोध माना जा रहा है।
क्योंकि ये रिसर्च हमें बताती है कि कैसे क्लाइमेट चेंज के चलते 2050 तक मानव सभ्यता खत्म हो सकती है। ये सुनने में ऐसा लगता है कि ये बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है, लेकिन इसके सच होने की संभावना कल्पना से ज्यादा भी हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया स्थित थिंक टैंक ‘नेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट रिस्टोरेशन ने इसके संबंध में चेतावनी दी है कि मानव सभ्यता तीन दशकों से ज्यादा नहीं बच पायेगी। क्योंकि 2050 तक औसतन तापमान 3°c तक बढ़ जाएगा।
इस रिसर्च को ऑस्ट्रेलियन रक्षा बल के चीफ और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के एडमिरल, क्रिस बैरी ने इस प्रकार बताया कि इसमें इंसान और पृथ्वी की निराशाजनक स्थिति को दर्शाया गया है। साथ ही ये भी बताया है कि अब मानव जीवन भयंकर रूप से विलुप्त होने की कगार पर है।
जिसकी सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन को बताया गया है। इसके अलावा मानव जीवन की समाप्ति का कारण बताया है कि 2050 तक कृषि उत्पाद के पांचवे हिस्से में कटौती होगी,अमेजन ईकोसिस्म नष्ट हो चुका होगा,समुद्र स्तर 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा,एशिया की सभी महान नदियों का पानी अधिक मात्रा में सूख जाएगा और पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान में तबदील हो सकता है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा किया गया है कि आने वाले 2050 तक मानव संभ्यता के समाप्त होने की संभावना है। क्योंकि वैज्ञानिक बताते है कि ये रिसर्च हमें बताती है कि कैसे क्लाइमेट चेंज के चलते 2050 तक मानव सभ्यता खत्म हो सकती है।इसके अलावा 2050 तक कृषि उत्पाद के पांचवे हिस्से में कटौती होगी,अमेजन ईकोसिस्म नष्ट हो चुका होगा,समुद्र स्तर 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा,एशिया की सभी महान नदियों का पानी अधिक मात्रा में सूख जाएगा।जानिए क्या 2050 तक सच में खत्म हो जायेगी मानव सभ्यता