प्रधानमंत्री के नाम से योजनाओं की फर्जी लिंक से हैकिंग का खतरा, रहें अलर्ट


समय के साथ-साथ ठगी का तरीका भी बदल रहा है। एटीएम ब्लॉक करने के नाम पर पासवर्ड मांग अकाउंट से पैसे उड़ाना पुरानी बात हो चुकी। ठग हाईटेक तरीके अपनाने लगे हैं। ऐसे कि आपने उधर लिंक पर क्लिक किया और इधर सबकुछ पार। मोदी सरकार बनने के बाद कुछ ऐसे मैसेज वायरल होने लगे हैं
जिसे पढ़कर कोई भी एक बार में यकीन कर ले और दिए गए लिंक पर क्लिक कर दे। जबकि ये लिंक पूरी तरह फर्जी है। हाईटेक शातिरों को एक बार अच्छी तरह समझ में आ चुकी है कि आजकल ज्यादातर लोग एंड्राएड फोन की जद में हैं। जाहिर है ठगी का तरीका भी ऐसा ही होगा जिससे यूथ गफलत में आ जाएं।




किसी भी तरह की सरकारी योजना से जुड़े मेसेज की लिंक पर क्लिक करने के पहले उसके डोमेन को ज़रूर देखें। यानी कि लिंक के आखिर में डॉट जीओवी डॉट इन दिखने पर ही उसे सरकारी वेबसाइट के रूप में पहचानें। उस विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर खबर का सही अपडेट चेक करें। अगर लिंक के आखिर में डॉट कॉम, डॉट इन या ऐसे कोई और एक्सटेंशन दिखें तो कतई क्लिक न करें।

यह मैसेज सबसे ज्यादा वायरल
नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में 'मेक इन इंडिया' के तहत 2 करोड़ों युवाओं को 'मुफ्त लैपटॉप' देने का ऐलान किया है। अभी तक 30 लाख युवा सफलतापूर्वक आवेदन कर चुके हैं। अब आपकी बारी है अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन जल्द से जल्द सबमिट करें।

इन योजनाओं के फर्जी लिंक
हैकर्स ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री साइकल वितरण योजना, प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना जैसे कई हैकिंग लिंक्स बना कर लोगों के बीच वायरल कर दिया है। रोजाना सैकड़ों लोग इसपर क्लिक करने के बाद हैकिंग का शिकार बन रहे हैं।

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