चुंबक क्या होती है ये केसे काम करती है -What is a magnet how it works -

चुंबक क्या होती है ये केसे काम करती है -What is a magnet how it works -

आप एक लकड़ी का टुकड़ा ले और उसे दूसरे लकड़ी के टुकडें के पास रखे, कुछ नहीं होगा. अब एक लोहे का टुकड़ा ले और उसे दूसरें लोहे के टुकडें के नजदीक ले जाइए, यहाँ पर भी कुछ नहीं होगा. अब एक लोहे का टुकड़ा हटा कर एक चुंबक को लीजिए और उसे लोहे के टुकड़े के नजदीक ले जाइए. यहाँ पर आप देखेंगे की लोहे का टुकड़ा चुंबक से चिपक जाता है. हम में से ज्यादातर लोग यह बात जानते ही होंगे. लेकिन में यहाँ पर बात कर रहा हूँ इसकी वजह की
चुंबक क्या होती है ये केसे काम करती है -What is a magnet how it works -

चुंबकीय क्षेत्र -Magnetic Field

यह चुंबकीय क्षेत्र वस्तु से थोड़ी दूरी पर बाहर की ओर होता हैं. लेकिन यहाँ पर सवाल यह हैं की यह चुंबकीय क्षेत्र चुंबक के अंदर आता कहाँ से हैं? खैर, हम काफी लम्बे समय से जानते हैं की बिजली और चुंबकत्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. जैसे की उर्जा और मास या अंतरिक्ष और समय. और इनको एक दूसरे के रूप में तब्दील किया जा सकता है. उदहारण के लिए सोचिए, जब एक तार में से इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह बहता हैं तब कम्पास की सुई क्यों हिलती हैं? या कैसे पृथ्वी की बाहरी कोर में से बहती धाराएं भू-चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं? लेकिन यहाँ एक चुंबक या कम्पास की सुई खुद एक धातु के टुकड़े हैं, जिनमे किसी तरह की बिजली की धारा नहीं बहती. या फिर बहती हैं? क्योंकि सूक्ष्म स्तर पर, किसी भी ठोस चीज़ में, एक परमाणु के अन्दर बहुत सारे इलेक्ट्रॉन्स चारो ओर घूमते रहते हैं.

छोटे कण जैसे की इलेक्ट्रॉन्स और quarks के अन्दर मास और इलेक्ट्रिकल चार्ज जैसे मौलिक गुण होते हैं.
ऐसे इलेक्ट्रिक चार्ज वाले कणों को हम छोटे चुंबक भी कह सकते हैं. लेकिन ऐसे पार्टिकल्स में पहले से ही ऐसा चार्ज मौजूद क्यों होता हैं? क्यों उर्जा और गति वाली चीजे एकदूसरे से गुरुत्वीय रूप से आकर्षित होती हैं? इसका जवाब तो कोई नहीं जानता. हम सिर्फ इतना जानते हैं की यह सब चीज़े सच हैं और ब्रह्माण्ड ऐसे ही काम करता हैं. एक परमाणु सकारात्मक प्रभारित प्रोटोंस का एक गुच्छा और उनके आसपास गुमते नकारात्मक विजभारित इलेक्ट्रॉन्स का एक गुच्छा होता हैं. इनमे से कई इलेक्ट्रॉन्स स्थानांतरित होते रहते हैं. जैसे की एक तार में विद्युत प्रवाह बहता हैं और उसकी वजह से वे चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं. परमाणु में भी कुछ ऐसा ही होता हैं जिन्हें कक्षीय चुंबकीय क्षेत्र कहा जाता हैं.
लेकिन ज्यादातर इनका एक परमाणु के चुंबकीय क्षेत्र में योगदान नहीं होता. उसकी वजह यहाँ है : परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का सही और जटिल वर्णन क्वांटम यांत्रिकी द्वारा किया गया हैं, लेकिन कहानी का सार यह है कि यह इलेक्ट्रॉन्स न्यूक्लियस की चारों ओर के एक आवरण में एकत्रित हुए होते हैं. इन आवरण में रहे सभी इलेक्ट्रॉन्स समान रूप से हर दिशा में भरे होते हैं, और इसलिए उत्पन धाराओं को वे रद्द करते हैं, किसी भी तरह का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किए बिना. हालांकि, एक आधे भरे आवरण में, सभी इलेक्ट्रॉन्स जोड़ियों में से अलग हो जाते हैं और उनके छोटे चुंबक एक ही दिशा में जुड़ने के लिए इंगित करते हैं, मतलब यह इलेक्ट्रॉनों का आंतरिक चुंबकत्व है जो बाहरी आवरण में होता हैं. यह चीज़े परमाणु के चुंबकीय क्षेत्र के लिए बहुमत देती हैं.
तो, जिस तत्व के परमाणुओं में पूर्ण रूप से या फिर ज्यादातर बाहरी इलेक्ट्रान आवरण होता हैं, वैसे तत्व ज्यादा चुंबकीय नहीं होते हैं. जिन तत्वों के परमाणुओं में सिर्फ आधा बाहरी इलेक्ट्रान आवरण होता हैं, ऐसे तत्व चुंबकीय होते हैं. उदाहरण के लिए, निकल, कोबाल्ट, लोहा, मैंगनीज, आदि… यह सब ऐसे पदार्थ हैं जो किसी चुंबक को पास ले जाने पर आकर्षित होते हैं. इन्हें लौह-चुंबकीय धातु (ferromagnetic metal) कहा जाता हैं.

चुंबक किस तरह बनाएं जाते हैं?

जैसे की हमने आगे देख लिया, किसी भी तरह के तत्व में कई छोटे चुंबकीय क्षेत्रों रहे होते हैं. इनको डोमेन (domains) भी कहा जाता हैं. अधिकांश समय में यह डोमेन एक दूसरे से अलग दिशाओं में और स्वतंत्र रहते हैं. लेकिन हम ऐसे लौह-चुंबकीय धातुओं के डोमेनों को एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र की मदद से व्यवस्थित कर सकते हैं. जिसकी वजह से वे बड़ा और मजबूत चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए सीधी रेखा में आ जाते हैं. ज्यादातर चुंबक इसी तरह बनते हैं. मैग्नेट के बीच मुख्य अंतर यह होता है कि वे स्थायी होते हैं या फिर अस्थायी होते हैं. अस्थायी चुंबक समय के साथ डोमेन के उनके मूल पदों पर वापस लौटने पर उनके बड़े चुंबकीय क्षेत्र को खो देते हैं. चुम्बकों का उत्पादन करने का सबसे आम तरीका हैं उन्हें गर्म करना और क्यूरी तापमान तक या उससे परे ले जाना. क्यूरी तापमान एक ऐसा तापमान हैं जिस तक पहुँचने पर किसी भी लौह-चुंबकीय धातु के चुंबकीय गुणों में बढौतरी होती हैं. लेकिन पदार्थ को क्यूरी तापमान तक गर्म करने पर वह थोड़ी देर के लिए यह चुंबकीय रहता हैं. लेकिन उसे क्यूरी तापमान के परे गर्म करने पर वह अपना चुंबकत्व हमेशां के लिए स्थायी बना देता हैं. लेकिन सभी चुंबक मानव निर्मित नहीं होते. कुछ चुंबक प्रकृति में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं जैसे की Lodestone.

Sorry yar thoda late post but kaisa lga agar koi red kate to please comment karna jaroor

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